“ऐडमिन आरती”
जय एडमिन देवा जय एडमिन देवा ।
थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।।
थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।।
चोखी चोखी ज्ञान की बात्या खूब घणी बांचा
धर्म करम की गंगा पाप का ना खांचा ।।
धर्म करम की गंगा पाप का ना खांचा ।।
डांट डपट फटकार स थारो नहीं नातों ।
जो कोई एकर आग्यो तो पाछो नहीं जातो।।
जो कोई एकर आग्यो तो पाछो नहीं जातो।।
बिना काम की चौधर थान सुहाव नहीं ।
थे क स्यो बिया होव साची थारी बही ।।
थे क स्यो बिया होव साची थारी बही ।।
या आरती एडमिन जी जो सदस्य गाता ।
उर आनद अति उमड़े मोज करत जाता ।।
उर आनद अति उमड़े मोज करत जाता ।।
जय एडमिन देवा जय एडमिन देवा ।
थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।
थारी दया स्यु नेट प मजा घणा लेवा ।
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